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Monday, January 9, 2017

साहित्यकारों ने किया साहित्य रत्न को याद

चरण नही, आचरण छुएं
जीवन शिल्प के मंच से नामी साहित्यकारों ने किया साहित्य रत्न को याद..
प्रख्यात साहित्यकार वृंदावन लाल वर्मा की जयंती पर उन्हें स्मरण कर साहित्य जगत के जाने-माने श्री डा0 कैलाश मडवैया के मुख्य आतिथ्य और रचनाकार अभिनन्दन गोयल टीकमगढ़ की अध्यक्षता में बुन्देली माटी के सपूत वर्मा जी के कर्तृत्व-व्यक्तृत्व पर विविध विचार आये अपने एक उपन्यास को लिखने के लिए डॉ0वर्मा वर्षों अध्ययन कर बारीकियों का ध्यान रखने की कार्य- शैली और बुन्देली अनेक शब्दों का प्रयोग करने वाले रचनाकार रहे डा0मडवैया ने आगे कहा कि महान लोगों के चरण नही आचरण छूना चाहिए।
साहित्यकार बाबूलाल द्विवेदी, ग्रामप्रधान प्रतिनिधि साहविंद्र सिंह, चौ0राजकुमार जैन, कोमल सिंघई एवं जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर के प्रबन्धक एवं समस्त शिक्षक व छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।

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