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Monday, February 2, 2015

बन्दे में है दम


आप केजरीवाल को पसंद कर सकते हैं, नापसंद कर सकते हैं लेकिन नज़रअंदाज़ नही कर सकते। सिर्फ एक व्यक्ति को घेरने के लिए BJP के दिग्गज नेताओं ; अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, शिवराज सिंह चौहान खुद मोदी (और तो और ओबामा का भी सहारा लिया) को राजकाज छोड़ के दिल्ली में चुनावी सभाएं करनी पड़ रही हैं। केजरीवाल के भाषणों में उठाये गये विभिन्न विषयोँ का जवाब देने के लिए ये टीम गठित की गयी है। शिक्षा का जवाब स्मृति देंगी, सुशासन का जवाब शिवराज सिंह देंगे यानि किरन बेदी का जादू चलता दिख नही रहा। केजरीवाल को घेरने की जितनी कोशिश हो रही है उनकी रेटिंग उतनी बढ़ती जा रही है। केजरीवाल के आगे BJP के सारे प्यादे एक एक करके ढेर होते दिख रहे हैं। वैसे मोदी जी से तो सब प्रभावित है। लेकिन बात दिल्ली की है।