आखिर कोई भी काम हो समय तो लगता ही है, हाथो पर आम कहा जमते है पर ऐसा हो रहा है। जी हा कहते है तवियत से पत्थर को उछालो तो आसमान में भी छेद हो सकता है और मेहनत रंग लाती ही है।यही विचार हमारे जीवन शिल्प इंटर कॉलेज पर लागु होते है। जहा महज चार माह में ही बच्चो के शिक्षा के साथ-साथ सोच-विचार में भी बहुत बेहतर सुधर हुआ है। यह कहना किसी और का नहीं बल्कि छात्रो के माता-पिता /अभिभावकों का है। इसका कारण योग्य शिक्षण तो है ही उसके साथ-साथ बच्चो की चहुमुखी प्रतिभा के विकास हेतु समय-समय पर अनेक गतिविधियों के माध्यम से उनको योग्य बनाना है।
इसी में आगे बढ़ते हुए छात्रो की रूचि और ज्ञान बढ़ाने के लिए मुम्बई की एक ट्वाय कम्पनी ने जीवन शिल्प इंटर कॉलेज आकर बच्चो को तकनिकी शिक्षा से जोड़ने और उनके ज्ञान के स्तर को सरल तरीके से बढाने के लिए आने की स्वीकृति दे दी है। वे यहाँ (जीवन शिल्प ) आकर दिखायेगे की गाडियों की स्टेरिंग के घुमाने से गाडी कैसे मुड़ जाती है,मशीने कैसे काम करती है इत्यादी अनेक तरह की तकनिकी समझ के लिए उपयोगी सामग्री (ट्वाय) डेमो के रूप में चलते हुए दिखाकर बताया जायेगा यानि भली प्रकार से देखकर सीखेगे मशीनी संचालन छात्र-गण । तो है न जीवन शिल्प सबसे आगे की दौड़ में सामिल।
विकास जैन
No comments:
Post a Comment