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Monday, November 12, 2012

जीवन शिल्प को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षा में पहिचान बनाने वाले शिक्षण संस्थान ''प्रतिभा स्थली'' जबलपुर का हमने दौरा किया। वैसे तो प्रतिभा स्थली अपनी शिक्षण कार्य पद्धति और व्यवस्थित व समर्पित आ0 शिक्षक दीदियो के कारण शिक्षा में अब्बल है पर मात्र जैन लडकियों तक ही सीमित होने से अन्य  को उनका लाभ ही नहीं मिल पाता। पर जीवन शिल्प में हम सब जाति और वर्गो का ध्यान रखते हुए शिक्षा को सर्व शुलभ और सर्व हितकारी बनाने का पूर्ण प्रयास किया जायेगा।

प्रतिभा स्थली में हमने देखा ... क्लास रूम, मेस जिसे पायस पूर्णा के नाम से जाना जाता है, छात्रावास आडिटोरियम,व्यवस्थित वातावरण और 24 घंटे बालिकाओ के हित में लगी आ0 दीदीया इत्यादी कितना सुंदर  है यह सबकुछ भाई वाह....

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