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Saturday, October 1, 2016

गाँधी जयंती पर महान भारतीय संस्कृति परिचायक क्षमा पर्व..

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज एवं जीवन शिल्प पब्लिक स्कूल प्रारम्भ से 2 अक्टूवर को मनाता आ रहा है क्षमा करने और मांगने का यह सुन्दर सुनहरा पर्व..
यहाँ टीचर्स और छात्र/छात्राऐं आपस में विनम्रता पूर्वक माँगते हैं क्षमा..
  भारतीय संस्कृति को करते हैं चरितार्थ..
पाँच वर्षों से लगातार मनाये जाने वाले इस पर्व ने छात्र/छात्रा और अभिभावकों को ही नही गाँव व क्षेत्रवासियों में भी अनेक प्रकार के सकारात्मक बदलाव दिए हैं।
आखिर क्रोधादि का वजन कब तक अपने पास रखोगे..
छोड़ों ये कषाये और सरल-विनम्र होकर क्षमा बोलो..
"किसको मारना किसको सताना,
किसकी निन्दा ऒ किससे बैर।
यह जीवन थोड़े दिन का है भाई,
क्षमा कर, माँग और निर्भार हो।।"

आओ मनाये जीवन शिल्प परिवार के संग महापुरुषों के विशेष गुण क्षमा को..
समझों...
गलतियाँ सबसे होती हैं पर उन्हें मानने वाला होता है गुरू-भारी-बड़ा...

गलतियाँ मानकर मांगे क्षमा
फिर..
तुम भी खुश और वो भी खुश।
                      आयोजक-
जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज & पब्लिक स्कूल
            बानपुर, ललितपुर (उ.प्र.)
          ⛩🚏🚏❗♨❗🚏🚏⛩

Tuesday, September 20, 2016

खूब भाया जीवन शिल्प का सत्कार यात्रियों को..

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज & जीवन शिल्प पब्लिक स्कूल बानपुर के छात्र/छात्राओं ने दिल्ली से आये तीर्थयात्रा संघ का मन मोहा...
आजादी के पर्व स्वतन्त्रता दिवस पर जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज में तीन वॉल्वो बसों से 110 यात्रियों के विशाल यात्रा संघ का स्वागत कर उनको भोजन के साथ रंगारंग सुंदर प्रस्तुतियां दी। ग्रामीण शिक्षा का यह मन्दिर यात्रियों को खूब भाया।
वही जीवन शिल्प परिवार भी सरल ह्रदय यात्रियों से मिलकर गदगद हो गया।
जीवन शिल्प छात्र/छात्राओं की ओर से ग्रामीण शिक्षा प्रसार मिशन, रैली, राष्ट्रगान, नुक्कड़ नाटक, नृत्य, गीत, खुल जा मुक्ति द्वार गेम शो जैसे अनेकानेक रोचक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। कार्यक्रम में दिल्ली यात्रा संघ, जीवन शिल्प टीचर्स, छात्र/छात्रा, अन्य स्कूल्स के बच्चे, अभिभावक व नगर जन उपस्थित रहे।

Wednesday, December 2, 2015

क्षमा करो निशल्य रहो और जीवन शिल्प करो

जीवन शिल्प करो
क्या कभी आपने खुद से क्षमा मांगी है?
हमे दूसरों के प्रति अच्छा बनना सिखाया जाता है,
पर हम खुद के प्रति कठोर बने रहते है।
अपने प्रति कई गलतियां करते हैँ जैसे.......
$=अनावश्यक चिंताओं से घिरे रहना।अपने ज्ञान को बढ़ने से रोकना।हर समय खुद को हीन मानना ।खुद से प्यार न करना ।स्वस्थ जीवन शैली नहीं अपनाना। वह कार्य न करना, जिनसे आप अपनी और दूसरों की मदद कर सकते हैँ।
$=क्षमा करो नि:शल्य रहो- मतलब कि क्षमा मांगकर आप अपनी समस्त शल्य दूर क्र देते हैं।
$=क्षमा मांगने का अर्थ यह नहीं कि आप गलत हैँ और दूसरा सही। इसका अर्थ यह है कि आप अपने रिश्तो की कद्र करते हैँ।
$=किसी को माफ़ न करना,उस व्यक्ति के साथ न चाहकर भी अपने सम्बन्धों को बनाए रखना है।
क्षमा से आप उस व्यक्ति से अपने सम्बन्धों को हल्का करते हैँ।
$=माफ़ी मांगते समय बहाने न बनाए  ईमानदरी बरतें। विनम्र रहे।।
$=समय का ध्यान रखें। घाव भरने का समय दे और तब तक उस गलती की सजा भुगतने के लिए तैयार रहे।
$=माफ़ी मांगते और माफ़ करते समय अहंकार भावना से दूर रहे।

Thursday, October 22, 2015

पटाखें नही अहिंसा से दीवाली मनाये...?

🔸पटाखा त्यागों जीवन शिल्प अभियान
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👉क्या कभी आपने सोचा हे?👈
* पटाखों से हमे आथिँक नुकसान के साथ साथ शारीरिक हानि भी पहुचती है।
* पटाखों की धमक से गर्भवती को अनंत दुःख होता हे।
* पटाखों की धमक से बेजुबान पशु-पक्षी पीडित भयभीत होते हैं।
* पटाखो की धमक से छोटे-छोटे जीव- जन्तु मौत के घाट उतर जाते हैं।
* पटाखों के कारण प्रतिवर्ष कई अग्निकाण्ड होते है व लाखों करोडों रूपयो का नुकसान होता है।
* पटाखों के निमाँण मे कई मासूम भोले बच्चे अपनी जीवन लीला समाप्त कर देते है ओर हमारे लिए पटाखें तैयार करते है।
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👉आप पटाखों का त्याग करते हैं तो पायेंगे👇
* स्वच्छ-सुन्दर पयाँवरण
* स्वच्छ-सुन्दर गली-मोहल्ला ग्राम-नगर।
* रूपयों के व्यथॅ अपव्यय से बचाव।
* रासायनिक जहरीली गैसों व धुएं प्रदुषण से बचाव।
* डराने सहमा देने वाले शोर- धमाकों से मुक्ति।
* असंख्य सूक्ष्म जीवों को जीवन-दान व पुण्याजॅन।
* हाथ-पैर त्वचा आदि शारीरिक हानियों से बचाव।
* व्यथॅ की हानि अग्निकांड व दुघॅटनाओं से बचाव।
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👉 आप स्वयं चिंतन करें👈
* क्या पटाखें फोडना हमारे लिए जरूरी है?
* क्या पटाखें फोडने से ही दीपावली मनाना संभव है?
* क्या बिना पटाखों के दीपावली नहीं मनाई जा सकती है?
* क्या पटाखें के जरिये हम अपने रूपयों मे आग नहीं लगा रहे है?
* क्या पटाखें फोड़कर हम पयाँवरण प्रदुषण नहीं फैला रहे है?
* क्या पटाखें फोड़ लेने से ही दीपावली की खुशिया मिलना संभव है?
* क्या पटाखें फोड़ने से (आतिशबाजी) से रूपयों का अपव्यय नहीं है?
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👉जरा सोचे चितंन करे विचार करे ओर इस दीपावली पर पटाखों का जरूर त्याग करे
🙏 जय जिनेन्द्र 🙏

एक सोच अनोखी पहल

जरा चिंतन करे ।

करोड़ो सूक्ष्म जीवों ने हमारा और आप का क्या बिगाड़ा हे ? कुछ नहीं ना, तो हम पटाखे छोड के उन सुक्ष्म जीवो को क्यू मारे, और क्यू लाखों  भवो के वैर का बंध करें ? तो आइए आज से ही प्रण ले क़ी हम पटाखे बिलकुल ही नहि छोड़ेंगे और दिपावली आने से पहले करोड़ो जीवो को अभय दान दे । ताकि उन जीवो को हमारी और से कोई डर ना रहे ।
@जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर

Sunday, August 16, 2015

आजादी...

६९वें स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
नफरत बुरी है, न पालो इसे ।
दिलो में खालिश है, निकालो इसे ।
न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका ।
ये सबका वतन है, संभालों इसे ।
                       🙏🙏🙏
जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज और जीवन शिल्प पब्लिक स्कूल ने कुछ इस तरह मनाई आजादी की यह सुवह 🌅...

Friday, August 14, 2015

15 अगस्त पर बातें कम काम ज्यादा..

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आजादी का यह सुनहरा दिवस जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज और जीवन शिल्प पब्लिक स्कूल मनायेगा 850 छात्र/छात्राओं के जुलुस-झांकी गीत-नाटक-वक्तव्य आदि के साथ देश भक्ति के सुनहरे अंदाज में...
मित्रों देश के लिए अब मरने की नही कुछ करने की जरूरत है हमने ग्रामीण शिक्षा के लिए कार्य कर देश की सेवा करने का संकल्प लिया है और आप ने...

Wednesday, July 15, 2015

अब भी शिक्षा से वञ्चित ननिहाल...?

आखिर क्यों कोई बच्चा पैसे के अभाव में अच्छी शिक्षा और संस्कारों से वञ्चित रह जाता है। जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर ने इस दिशा में कार्य करते हुए आदिवासी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना निश्चित किया है। ताकि ये बच्चे आगे बढ़े और गरीबी, भूख-मरी से अपनी आगामी पीढ़ी को स्वयं मुक्त करे। कृपया हम आप भी इस ओर ध्यान दे और कुछ न कुछ अपना सहयोग अवश्य दे। क्योकि "पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया।"