u tell i search

Tuesday, June 17, 2014

आरम्भ से अब तक की खबर

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज का तीसरा सत्र शुरू होने जा रहा है। इसके पहले के दो सत्र भी प्रगति की ओर ले जाने में मददगार रहे।

बात पहले सत्र की करे तो यह साल सुविधाओ के अभावों में भी उत्साह के साथ बेहतर कर दिखाने का था। और हमारी टीचर्स टीम ने ऎसा ही प्रदर्शन किया। हमने करीब 30 ग्रामो में जा-जाकर बच्चो को अच्छी शिक्षा देने के लिए कहा उस के परिणाम स्वरूप उस समय हमारे पास लगभग 270 छात्र/छात्राए थे। तब हमें ग्रामीण लोगो को यह विश्वास दिलाना था कि अच्छी शिक्षा का मतलव और फायद क्या है। कम फीस में ये काम करना मुश्किल था। पर उत्साह और लगन भी कोई चीज होते है उससे ही काम चलाया और लोग इसे समझे भी जव उन्होंने बच्चो पर उसका असर देखा। बच्चो का उठना,बैठना,चलना,बात करना सब बदल सा गया।

फिर दूसरा सत्र और उत्साह से शुरू हुआ। नजदीक के करीब 35 ग्रामो में जाकर सम्पर्क किया।उसके परिणाम स्वरूप 500 से ज्यादा बच्चे इस सत्र में जीवन शिल्प परिवार में शामिल हुए।

बराबर अध्ययन और अनुशासन में रहते हुए बच्चो ने बोर्ड परीक्षा 2014 में 10 वी और 12 वी में जिले में श्रेष्ठ विधालय होने का आगाज किया। जीवन शिल्प छात्र/छात्राओं में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले बच्चों की संख्या 90 प्रतिशत रही। वही आधे से ज्यादा विधार्थी 70% से ज्यादा अंक लाने में सफल रहे। इस तरह जीवन शिल्प ने जिले में सबसे कम फ़ीस में सबसे बेहतर शिक्षा का विकल्प दिया।

जीवन शिल्प की प्रगति का एक कारण पूरे देश से लोगो का इससे जुड़ा होना और समय-समय पर इसकी तन, मन और धन से मदद करना भी है।

एक और कारण यहा का वातावरण और समय-समय पर किये जाने वाले आयोजन भी है। जैसे - जून में लगाया प्रत्येक वर्ष टीचर्स ट्रेनिंग कैंप, 15 अगस्त को  छात्र/छात्राओं को पुरुस्कृत करना। 2 अक्टूवर को महापुरुषों की याद में क्षमा पर्व मनाना,समय-समय पर विशेषज्ञों द्रारा मार्गदर्शन दिलाना, स्वस्थ्य सम्वन्धी जानकारी देना इत्यादि अनेक कार्य छात्र/छात्राओं के व्यक्तित्व विकास को ध्यान में रखते हुए कराना।

अब तीसरे सत्र में 50 ग्रामो में सम्पर्क करना। अपनी कमियों को दूर कर और बेहतर शिक्षा के लिए काम करना ही हमारा उद्देश्य ह

No comments: