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Wednesday, November 24, 2010

लालू को जनता अब नेतागिरी मे नही बल्कि उनकी सही जगह कामेडी सीरियल मे देखना चाहती है..

कौन कहता विकास से नहीं डर या दबंग होने से ही वोट मिलते है..
हाल के बिहार चुनाव परिणाम ने यह जता दिया है कि 'ये पब्लिक है-सब जानती है.' भले देर से ही सही पर सब्र की इंतहा तक बिहार के लोगो ने लालू को बर्दाश किया. और जब पूरी तरह जनता को समझ आ गया कि ये बिहार के लिए  विकास नही विनाशकारी है तो जनता ने लालू को आखिरकार पूरी तरह  दरकिनार कर एक बेहतर विकल्प के  रूप मे नीतेश को और उनके विकासकार्य  को देखते हुए उन्हें  फिर से मौका दे ही डाला जो कि बिहार की बेहतरी के लिए बेहद जरूरी भी हो गया था. लालू नेतो देश कि राजनीति को,मजाकिया मंच बना दिया था. जहा कुछ भी करो और पूछे जाने पर मजाक मै टाल देना उनकी स्टायल बन गया था. इसका अनुशरण अब कई नेता भी बखूबी करते देखे जा सकते  है. यह बात बिलकुल सही है कि  लालू में नेता होने के गुर तो है पर राजनीति के नहीं  कामेडी के  और यह बात अब बिहार की जनता को भी समझ आ गयी है. ये कामेडी के लिए ही जन्मे है. और जब एक कामेडियन राजनीति मे आएगा तो वह यह भी  कामेडी से बाज थोड़े ही आएगा. इसी कारण लालू ने देश की राजनीति को भी  मजाक बना दिया था. मै जब जयपुर मे विधार्थी था, तब राजस्थान यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम मे कोल्डड्रिंक
पीते लालू से किसी पत्रकार ने पूछा कि आप  कोल्डड्रिंक के विरोधी होने पर भी इसे पी रहे  है? तब देश का एक बढ़ा नेता(लालू) जबाब देता है कि मे तो इसे पीकर खत्म कर रहा हू. इतना बचकाना जबाब..  ऐसे एक नही ढेरो उदाहरण मिल जायेगे.  लोग या मीडिया भले इसे मजाकिया नेता कहकर टाल दे पर देश मजाक से नही अनुशासन और समझदारी से चलाया जाता है, शायद लालू वर्षो राज करते-करते यह भूल ही गये और जनता ने भी मजाक- मजाक में अब उन्हें मजा चखा ही दिया. जनता अब शायद उन्हें नेता के रूप में नहीं बल्कि  किसी कोमेडी सीरियल मे देखना चाहती है. क्रिकेट मे न चलते नवजोत सिंह सिद्धू की तरह लालू इसके लिया परफेक्ट रहेगे और वैसे भी लालू को कौनसी मुश्किल है इनका नाम तो पहले से ही कामेडी से जुड़ा है.  अब तक राजनीति मे कामेडी की और अब कामेडी सीरियल  मे. और शायद  थ्रीइडियड्स के मुताबिक यही ट्रेक  इनको चाहियें था. यदि ऐसा हुआ तो कुछ समय बाद मीडिया यही कहेगी की  'कामेडी' का दूसरा नाम है 'लालू '. या फिर लालू अब आये अपने रास्ते...

2 comments:

Anonymous said...

बहुत अच्छे..
आप जैसे लोगों की ही जरूरत है...

ANKUR JAIN said...

good...keep it up...