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Thursday, June 4, 2015

दिल्ली वालों को खूब भाया बानपुर और जीवन शिल्प

दिल्ली विश्व विद्यालय से आये प्रोफेसर्स के साथ छात्र/छात्राओं की टीम जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर में तीन दिन ग्रामीण जीवन को समझने और कुछ समझाने आई। नुक्कड़ नाटक,जनसम्पर्क जैसे रुचिकर माध्यमों द्वारा ग्राम विकास में सहभागिता दिखाई। और जीवन शिल्प परिवार के साथ ग्रामीण रंग में रंगी दिल्ली विश्व विद्यालय टीम विदाई के समय रोक न सकी अपने आसु...
आख़िरकार दिल्ली वालों को खूब भाया जीवन शिल्प और बानपुर गाँव।

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय निबन्ध प्रतियोगिता का पुरुष्कार वितरण कार्यक्रम जोरदार रहा..

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय निबन्ध प्रतियोगिता का मेरठ शिविर में सम्पन्न जोरदार पुरुष्कार वितरण कार्यक्रम
"युवा धर्म से विमुख कारण और निवारण"
में आये देश के 12 राज्यों से 150 निबन्ध।
पुरुष्कृत निबन्ध इस प्रकार हैं...
प्रथम स्थान- श्रीमति देशना जैन w/o सजीव जैन, दिल्ली
द्वितीय स्थान- श्रीमति ऋतु w/o  विकास वात्सल्य, छिंदवाड़ा
तृतीय स्थान- प्रतीति शास्त्री D/o शान्ति पाटिल जी, जयपुर
         ने प्राप्त किया। और सांत्वना-
4.रूचि जैन w/o डॉ.अनेकांत जैन दिल्ली
5. सोनल जैन लखनऊ
6. रोशनी साहू ललितपुर
7. सौ. निलीमा संजय डाखोरे वाशिम
8. आत्मार्थी पारुल जैन बहादुरगढ़
9. विपाशा जैन बाँसवाड़ा
10. श्रीमति श्वेता जैन बीना
11. गुलाबचंद वात्सल्य म.प्र.
12. मंगलार्थी अखिलेश जैन अमरमऊ
13. जैन बालिका संस्कार संस्थान उदयपुर(ग्रुप)
14. कवि ज्ञान भाष्कर जैन आगरा
                🙏मैं धन्यवाद देना चाहूँगा उन सब प्रतिभागियों को जिन्होंने कठोर श्रम कर युवाओं को धर्म से जोड़ने के लिए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
नोट- पुरुष्कृत Top-14 निबन्ध को राशि,शील्ड आदि सभी को प्रमाण पत्र दिए गये। प्रतियोगी अपने प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त करें।
आगामी समय में सभी के सुन्दर विचारों का संकलन कर पुस्तिका निकाली जायेगी।

Monday, April 20, 2015

जीवन शिल्प सफल हो....

आज मुझे जीवन शिल्प की सार्थकता कई मायने में नजर आई, लगा अब हमारी तलाश और मेहनत रंग दिखाने लगी है। नये सत्र की शुरुवात हो चुकी है बच्चें एडमिशन के लिये ख़ुशी ख़ुशी आ रहे हैं।इसी दौर में हुआ यूँ 9th क्लास के न्यू एडमिशन के लिए अपने दादा के साथ आये एक लड़के से जब मैंने पूछा क्या बनना है उसने जोश से कहा आईएएस कुशाग्र बुध्दि इस बालक का दिमाग जितना तेज लगा, पता करने पर उसकी परेशानिया भी उतनी ज्यादा थी। उसकी माँ नही हैं। पिता को शराब की बुरी लत है। ये 4 भाई हैं जिसमें ये सबसे बड़ा हैं। लेकिन फिर भी ये अपनी जिम्मेदारियां निभाते हुए पढ़ना चाहता है।
अटल जी की कविता प्रासंगिक है-
पुष्प कंटको में खिलते हैं।
दीप अंधेरों में जलते हैं।।
आज नही प्रहलाद युगों से।
पीडाओं में ही पलते हैं।।
इन जैसे बालकों को उस मंजिल तक पहुचाने में जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज परिवार सदैव आप सब के साथ मिलकर कार्य करता रहेगा।
  आखिर यह देश हमारा ही तो है।
और हम वशुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति वाले लोग है।

Monday, April 6, 2015

दिल्ली विश्वविद्यालय से 50 लोगों की टीम जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर

दिल्ली विश्वविद्यालय से 50 लोगों की टीम जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर के साथ मिलकर 5 से 7 अप्रैल तक त्रिदिवसीय ग्राम जाग्रति अभियान के तहत शिक्षा, महिला सशक्ति, स्वास्थ्य एवं अन्य व्यवस्थाओं के बारे में सर्वे किये एवं नुक्कड़ नाटक, ग्राम सम्पर्क आदि कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया इसी उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय द्वारा 7अप्रैल को जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम होगे जिसमें आप सब सादर आमंत्रित है।

Tuesday, March 31, 2015

दिल्ली विश्वविद्यालय से टीचर्स के साथ 50 छात्र/छात्राओं की टीम ग्राम विकास हेतु जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर आएगी।

दिल्ली विश्वविद्यालय के भीमराव अम्बेडकर कॉलेज से टीचर्स के साथ 50 छात्र/छात्राओं की टीम
जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर के साथ मिलकर (5 से 7 अप्रैल तक)त्रिदिवसीय ग्राम जाग्रति कार्यक्रम बानपुर में करेगी। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जन सामान्य के बीच जाकर उनके रहन-सहन,आहार-विहार,स्वास्थ्य,शिक्षा आदि समस्याओं को समझना एवं सरकार की योजना को ग्राम वासियों को समझाना है। साथ ही जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज के छात्र/छात्राओं से मिलकर उनके साथ अनेक गतिविधियाँ संचालित करना व उन्हें शिक्षा के लिए उत्साहित करना है।

Wednesday, March 25, 2015

जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर में आचार्य श्री विशुद्ध सागर

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जैन शिक्षण संस्थान एवं ग्रामीण शिक्षा में तत्पर जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर में आचार्य श्री विशुद्ध सागर आज प्रात: ससंघ पधारे। उन्होंने विद्यालय की कार्यविधि जानी एवं अहिंसा व सदाचरण पूर्वक कार्य करने का निर्देश दिया।
साथ ही षट दर्शन पुस्तकालय बनाने की बात कही जिसकी तैयारी शुरूकर मैंने नाम विशुद्ध वाचनालय रखने का विचार किया है।