जीवन शिल्प में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में भी रचनात्मकता दिखी। परीक्षा में जहा बोर्ड परीक्षा की तरह बैठने की व्यवस्था टीचर्स हेड मनोज पुष्पकर सर के द्रारा की गई, साथ ही नक़ल व अनुशासन के प्रति भी जीवन शिल्प टीचर्स सख्त रहे। इतना ही नहीं पेपर के बाद क्वेश्चन पेपर पर 40 मिनिट का डिस्कस छात्रो द्व्रारा प्रत्येक पेपर के बाद किया गया। जिससे छात्रो में मात्र रट कर या तुक्का मारकर लिखने की जगह ठीक तरीके से समझ कर लिखने की कला विकसित होगी साथ ही जीवन शिल्प का उद्देश्य की भी पूर्ति होती है। प्रोत्साहन हेतु छात्रो को पुरुष्कार भी बाटे गये।इस तरह नये और बेहतर ढंग से संपन्न होने जा रही है जीवन शिल्प के छात्रों की परीक्षा ...
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