पिछले दिनों रामनवमी अब महावीर जयंती फिर हनुमान जयंती...
आखिर ये जयन्तिये क्या कहना कहती हैं इन महान पुरुषो का आदर्श जीवन हमे कितना आकर्षित करता है यह इसी बात से पता चल सकता है कि हमने उनके उपदेशो को कितना जीवन में उतारा.
मात्र जय जय करने से कुछ नहीं होगा क्योकि जैसे खाना-खाना चिल्लाने से पेट नहीं भरता उसके लिए आप भोजन करते है.. वैसे ही राम-राम या महावीर-महावीर चिल्लाने से कुछ नहीं होगा यदि जीवन में सुख-शांति, सफलता चाहते हो तो उनके आदर्शो/उपदेशो को जीवन में अपनाना ही होगा...
तो चलो अपनाये इन आदर्श महापुरुषों के आदर्श जीवन को...
आखिर ये जयन्तिये क्या कहना कहती हैं इन महान पुरुषो का आदर्श जीवन हमे कितना आकर्षित करता है यह इसी बात से पता चल सकता है कि हमने उनके उपदेशो को कितना जीवन में उतारा.
मात्र जय जय करने से कुछ नहीं होगा क्योकि जैसे खाना-खाना चिल्लाने से पेट नहीं भरता उसके लिए आप भोजन करते है.. वैसे ही राम-राम या महावीर-महावीर चिल्लाने से कुछ नहीं होगा यदि जीवन में सुख-शांति, सफलता चाहते हो तो उनके आदर्शो/उपदेशो को जीवन में अपनाना ही होगा...
तो चलो अपनाये इन आदर्श महापुरुषों के आदर्श जीवन को...
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