जय जिनेन्द्र....
प्रत्येक आत्मा को परमात्मा बताने वाला महान जैनधर्म हर एक उस व्यक्ति का है जो सुखी होना चाहता है....
पर्वराज पर्युषण चल रहे है...
यह पर्व खाने-पीने के नही, मौज-मस्ती के भी नहीं ये तो इन सबको त्याग कर आत्म-आराधना से अपने को जोड़ने का महान अवसर है...
अपने को अपने मे मोहने का स्वभाव से जोड़ने वाला यह स्वर्णिम मौका है...
तो उठाओ इस अवसर का लाभ और करो... क्चामा,मार्दव,आर्जव,शौच,सत्य,संयम,तप,त्याग,अकिंचन,ब्रह्मचर्य इन दशधर्मो की आराधना...
1 comment:
great....
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