बड़े व्यक्तित्व ने आकर बनाया जीवन शिल्प को बड़ा
केन्द्र सरकार के सुप्रतिष्ठित शिक्षा-संस्थान 'श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (मानित विश्वविद्यालय) नई दिल्ली में विगत उनतीस वर्षों से गरिमापूर्वक सेवारत प्रो.सुदीप जैन इस देश के इतिहास में सर्वप्रथम व्यक्ति हैं, जिन्हें चालीस वर्ष से कम आयुवर्ग का श्रेष्ठ विद्वान् का राष्ट्रपति-सम्मान अर्जित किया।
देश-विदेश में अपनी प्रतिभा से जनमानस को कायल करने वाले प्रो.जैन ने जीवन शिल्प के छात्रों को सम्बोधित कर अनेक छात्रोपयोगी आवश्यक जानकारियां दी। उन्होंने छात्रों के तीन प्रकार जप्पी, टप्पी और गप्पी बताएं। वही भारत नाम कैसे और देश के गौरव की बातें बतलाई।
प्रो.जैन द्वारा मनमोहक अंदाज में अनेक महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक बातों को छात्रों एवं अध्यापकों ने मुग्ध होकर सुना।
अन्त में जीवन शिल्प की प्रशंसा और प्रगति की कामना करते हुए आगे पुनः पधारने का आश्वासन दिया।
इसके बाद कक्षाओं का निरीक्षण कर कक्ष एवं शिक्षण कीप्रशंसा एवं अधिक प्रगति के लिए आवश्यक सुझाव प्रदान किये।
प्रो.जैन सर प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, पालि, कन्नड़ आदि भाषाओं के मनीषी व हिन्दी के सिद्धहस्त-लेखक हैं।
प्रो.जैन की लेखनी से लिखित 38 यशस्वी कृतियों का प्रकाशन हो चुका है; एवं 250 से अधिक आलेखादि रचनायें भी प्रकाशित हो चुकीं हैं। विशेषज्ञता के क्षेत्र में पाण्डुलिपिशास्त्र, अभिलेख-शास्त्र, जैनदर्शन, भाषाविज्ञान, सिद्धहस्त-लेखन, हृदयग्राही-सम्प्रेषण, प्रभावी वक्तृत्व, कुशल-प्रबंधन आदि के अतिरिक्त एक सात्त्विक-जीवनशैली के अभिज्ञान माने जाते हैं।
जीवन शिल्प सदैव छात्र/छात्राओं की उन्नति हेतु विशेषज्ञों को आमन्त्रित करता रहा है।
शिक्षा के साथ अनेक गति-विधियों का सञ्चालन छात्रों के व्यक्तित्व पर स्पष्ट देखा जा सकता है।
जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज के प्रांगण में हुये इस कार्यक्रम में जीवन शिल्प इण्टर कॉलेज बानपुर के, प्रबंधक विकास जैन, शिक्षकजन छात्र/छात्रा एवं जीवन शिल्प पब्लिक स्कूल के अध्यापकगण उपस्थित रहे।
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Monday, September 25, 2017
बड़े व्यक्तित्व से हुआ जीवन शिल्प बड़ा..
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