मैंने देखा है...
मैंने लोगों को waste होते देखा है
बुराइयों को cut, copy, paste होते देखा है
देखा है रातों को जागते, दिनों को सोते
मैंने धूल-ए-ज़मीं को Everest होते देखा है
मैंने लोगों को waste होते देखा है
बुराइयों को cut, copy, paste होते देखा है
देखा है रातों को जागते, दिनों को सोते
मैंने धूल-ए-ज़मीं को Everest होते देखा है
1 comment:
kya baat hai........waah !
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