सभी विचारवान महानुभावों को दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं...
दीपावली अंधकार में प्रकाश का पर्व है..
मुझे बस आपसे इतना ही कहना है कि जिस कारण से ये महान पर्व मनाये जाते हैं.. क्या उतने ही महान तरीके से हम इसे मनाते हैं। क्या दीपावली पर
सच्चे अर्थों में राम या महावीर याद आते हैं क्या किसी महापुरुष के जन्मदिन पर उनके जीवन को खुद में उतारने का भाव आता है? ,
यदि हॉ तो सार्थक है पर्व। और यदि ऐसा नही है तो फिर.. तकलीफ की बात है..
हम पढ़े-लिखे कहलाएं जाने वाले लोग क्या विवेक शून्य हो गए हैं या हम सोचना ही नही चाहते इन महत्वपूर्ण मुद्दो पर...
खैर अब भी समय है सोचे जागे और जगाएं.. तभी बढ़ेगा मानव, समाज और देश..
तो आओ बढ़ाएं अपने देश को... ऐसे पर्वों के माध्यम से आगे और आगे...
2 comments:
अच्छा लिखा है दोस्त..
good...are meri kavita kyu chura li, ye copy-writed hai!!!khair..
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