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Friday, May 25, 2012

आज श्रुतपंचमी महा पर्व है ..

गिरी गिरनार की गुफाओ  में आज  से 2000 वर्ष  पहले महाज्ञानी धरसेन आचार्य  विचरण  किया  करते थे। ज्ञान-ध्यान में लवलीन रहने वाले ये आचार्य  जब  शारीरिक  अवस्था से कमजोर हुए  तब  उन्हें  श्रुत  परंपरा /सुखी होने के उपाय  के मार्ग  के विलुप्त  होने का विचार आया.. उसी दिन  रात्रि के अंतिम  पहर में उन्होंने अपने पास  आते  दो उन्नत  बैलो को देखा, जैसे ही उन्होंने अपनी आखे  खोली सामने दो मुनि राज  पास आते दिखे.
आचार्य  को नमोस्तु कर वे दोनों मुनिराज  विनय  पूर्वक  आचार्य  से अध्ययन  का निवेदन  करने लगे ,
आचार्य ने उनकी परीक्षा हेतु उन्हें एक -एक  मंत्र  दिया और उन्हें स्वयम  सिद्ध करने  को कहा, दोनों ने मंत्र   सिद्ध  किया दो देवंग्नाये प्रगट  हुई  पर वे  सुन्दर नहीं थी। दोनों मुनिराज - भूतबलि और पुष्पदंत  ने विचार कर मंत्रो की शुद्धी  की  तब  दो सुन्दर देवंग्नाये  प्रगट हुई . दोनों देवांगनाओ ने जब मुनिराजो से कुछ  मागने को कहा तो विषयों की आशा  से रहित  मुनिराज  ने कहा  हे देवियो हमें तुमसे कोई  प्रयोजन  नहीं हमें तो गुरु आज्ञा पूरी करनी थी।
इसके बाद  गुरु के पास  पहुचे, गुरु ने योग्य जान  शिक्षा देना शुरू कर दी...
जिसके परिणाम  स्वरूप  दोनों आचार्य  भूतबलि और पुष्पदंत ने एक  ग्रन्थ  लिखा, जो  जिनागम का पहला ग्रन्थ बना और वह आज  के  दिन  ही लिखा गया इसलिए  इस  दिन को श्रुत पंचमी पर्व  के नाम से जाना गया.  जिसका  मंगलाचरण  णमोकार महामंत्र है।
                                                                                                                  - विकास जैन 

श्रुतपंचमी महा पर्व

आज श्रुतपंचमी महा पर्व  है...
 आज के दिन वस्तु के यथार्त स्वरूप को बताने वाली माँ जिनवानी हमे मिली थी। इस अवसर पर जीवन शिल्प इंटर कॉलेज में कार्यरत मजदूरों को लड्डू बाटे गए...
साथ ही पाठशाला के बच्चो को भी मिष्ठान बाटे गए।

Wednesday, May 23, 2012

               तमसो  माँ  ज्योतिर्मय 
      जीवन  शिल्प  इंटर कॉलेज  बानपुर 
                  (कक्षा 6 से 12 तक  )
  •        मनोवैज्ञानिक  तकनीक  से शिक्षण 
  •      व्यक्त्रित्व का सही विकास 
  •      स्मार्ट  क्लास 
  •      भारतीय  एवं  विदेशी भाषाओ  का  सही ज्ञान व शुद्ध  उच्चारण 
  •      आधुनिक  मीडिया से  परिचय
  •      खेल-कूद, योग-व्यायाम  एवं  संगीत आदि की एक्स्ट्रा क्लास    

चौ0अखिलेश जैन (पूर्व ग्राम प्रधान )चौधरी वस्त्र भंडार,
मेन  मार्केट बानपुरललितपुर
सम्पर्क- विकास जैन (प्रवक्ता) 9453661666
जीवन शिल्प इंटर कॉलेज
बार रोड बानपुर,ललितपुर(उ.प्र.)

योग्य  शिक्षकों  की आवश्यक ता है...
                                                      (कक्षा - 6 से 12 तक )



संपर्क - विकास  जैन ( प्रवक्ता ) 9453661666
जीवन  शिल्प  इंटर कॉलेज  बानपुर,ललितपुर(उ.प्र.)

जीवन शिल्प का दौरा

जीवन  शिल्प  इंटर कॉलेज  में  भिंड में 111 नगरो में
शिविर लगाने वाली टीम डॉ सुरेश जी जैन के साथ
अन्य  लोगो ने जीवन  शिल्प  को देखा  और  सराहा... 

Tuesday, May 22, 2012

जीवन  शिल्प  इंटर कॉलेज  का  प्रचार-प्रसार तेज.....

Monday, May 14, 2012

शादी एक पर्व क्यों नही...

शादी को  पर्व  कहो..... 
शादी का एक  नाम  विवाह  भी है जिसका मतलब  विशिष्ठ  प्रकार से वहन  करना..
तो किसी  दार्शनिक  ने इसे - दो दुखी  मिलकर सुखी  होने की कल्पना कहा है।
वास्तव में  विवाह नव युवक-युवती दोनों के परस्पर मिलकर दाम्पत्य जीवन  की शुरूआत  है. जिसमे दो संस्कृतियो/परिवारों का आपसी सामंजस / मिलन  होता है।
मै शादी को पर्व  कहने के पक्ष  में  हूँ। भले ही शादी को लोग  पर्व न  कहे पर लगभग सभी के जीवन  में यह घटना  घाटित होती ही है।
शादी को विवाह के अलावा भी कई नामो से जाना जाता है। जैसे- बंधन-सूत्र, परिणय, कुडमई, सम्बन्ध, दुर्घटना, लड्डू इत्यादी. 
इसके बारे में लोगो के भी अपने-अपने अनुभव  के आधार पर ढेरो मत  है।
वैसे अनुभवियो  के अनुसार शादी नवयुवक  को  वहार की तरह तो शादी के बाद धीरे-धीरे भार की तरह प्रतीत  होती है।
खैर मै शादी को पर्व  की  कोटि में शामिल  कराना चाहता हूँ। और यह बात  मै बिना आधार के नहीं कह रहा हूँ। बल्कि इसके लिए ठोस  प्रमाण  भी रहा हूँ।
पर्व  यानि एक  अवसर या मौका जो किसी घटना या व्यक्ति से सम्बंधित  हो। और शादी तो किसी व्यक्ति से सम्बन्धित  सबसे बड़ी घटना है। आखिर फिर क्यों इसे पर्व  की श्रेणी में सामिल नहीं किया गया।
इतना ही नहीं इसका विस्तार भी किसी अन्य पर्व  से  कम नहीं बल्कि ज्यादा ही बैठता है। क्योकि यह घटना आमो-खास  सभी आदमियों के जीवन  में घटित  होने वाली खाश -तोर की आम घटना है।
और सुनो.. जहा पर्व अपने- अपने  देश   तक  ही सीमित  है वही यह पर्व मेरा मतलब है शादी देश और विदेश
सर्वत्र अत्यंत खुशी  से मनाया जाता है।
बोलो शादी पर्व  की जय हो......
                                          विकास जैन ऍम.डी.जीवन  शिल्प इंटर कॉलेज  बानपुर, ललितपुर (उ.प्र.) 

Sunday, May 13, 2012


                पढ़ना गढ़ना आगे बढ़ना
  
शिक्षा से हो ग्राम विकास     
             ग्राम विकास से देश विकास

सुयोग्य शिक्षक अध्यापन हेतु संपर्क करे जीवन शिल्प इंटर कॉलेज 
बानपुर,ललितपुर(उ.प्र.) 
विकास जैन (निदेशक) मोब.न.-9453661666


जीवन शिल्प इंटर कॉलेज बानपुरललितपुर (उ. प्र.)